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BASANT SHARMA
#राष्ट्रीय_बालिका_दिवस पर #मेरे_अनकहे_अल्फाज़ ✍️ स्वरचितCopyright ©️ Basant #कविता
read moreरिंकी✍️
बेटी आंखो में जो चुभे तब वो कांच हो गई जब बेटी एक के बाद एक बेटे की ख्वाहिश में बेटी पांच हो गई बड़ी तो पढ़ न सकी उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी बाकी के अभी बहुत छोटे है बाप की कमाई से ठीक से उनका पेट भर न सकी अब औरत और आदमी दोनो कमाते है सबसे छोटी छह महीने की छोटी है मां की गर्माहट के लिए दिन रात वो रोती है। बड़ी छोटी को सीने से लगाती है। कभी अपनी उंगलियां सकी मुंह में चटाती है। बड़ी तो बड़ी नहीं उम्र से लेकिन जिम्मेदारियों से बड़ी हो गई मां तो नहीं रहती घर में लेकिन बड़ी ..... बहनों के लिए मां बनकर खड़ी हो गई ✍️रिंकी बेटी आंखो में जो चुभे तब वो कांच हो गई जब बेटी एक के बाद एक बेटे की ख्वाहिश में बेटी पांच हो गई बड़ी तो पढ़ न सकी उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी बाकी के अभी बहुत छोटे है
बेटी आंखो में जो चुभे तब वो कांच हो गई जब बेटी एक के बाद एक बेटे की ख्वाहिश में बेटी पांच हो गई बड़ी तो पढ़ न सकी उससे छोटी ठीक से बढ़ न सकी बाकी के अभी बहुत छोटे है #बालिकादिवस #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #यकहिन्दी #यकबाबा
read morePravesh Kumar
सघन-सा वृक्ष यूँ बचपन में सड़ रहा क्यूं है... अभी-से बोझ दरख्तों पे पड़ रहा क्यूं है... ज़मीन-ओ-आसमाँ तेरे लिए भी है बाक़ी बेड़ियाँ पावों में ज़माना जड़ रहा क्यूं है... बेतरह छीन के कैसे तेरे हिस्से की ख़ुशी. यूँ अपने ताज में सितारे जड़ रहा क्यूं है। तुम्ही तो हो धरा पे जैसे स्वयं सृष्टि हो माहौल तेरे लिए ही बिगड़ रहा क्यूँ है।। किसी के बाग़ की उन नन्ही-नन्ही कलियों को, हवस के जाल में कोई जकड़ रहा क्यों है।। #बालिकादिवस #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #बचपन #दरख़्त #yqbaba #yqdidi #ग़ज़ल #mythoughts
Insprational Qoute
नाज़ो से ये पली माँ की लाड़ली, पापा की परियाँ होती हैं बेटियाँ, एक मुस्कान से घर को महका दे, दुख में आँसू छलकाती है बेटियाँ, बेटों की तरह पिता का सहारा होती, मुश्किल घड़ी में साया होती है बेटियाँ, बढ़ाती हैं हौसला बन नैया परिवार की, ऐसी पतवार होती हैं ये प्यारी बेटियाँ, पिता का सम्मान,भाई का अभिमान, समाज का मान भी बढ़ाती हैं बेटियाँ, यही है जो नए कुल की रीत हैं बढ़ाती, समस्त सृष्टि की उतपति होती बेटियाँ, घर आँगन की रौनक होती हैं मां लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा स्वरूप होती है बेटियाँ, हर रूप में योगदान कभी मां बन देती हैं तो कभी अर्धांग्नी,बहन,कभी होती बेटियाँ। #विशेषप्रतियोगिता आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
#विशेषप्रतियोगिता आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें #YourQuoteAndMine #yourquotebaba #yourquotedidi #Urdu_Hindi #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #shabd_watika #nayi_kalam
read morevinay vishwasi
'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर लिखित दोहा होती है जी बालिका, लक्ष्मी का ही रूप। क्यों मारें हम गर्भ में, जो है बहुत अनूप।।१९।। विनय कुशवाहा 'विश्वासी' देवरिया (उत्तर प्रदेश) #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #विश्वासी
#राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #विश्वासी
read moreभाग्य श्री बैरागी
ज्यादा कुछ नही तारिफों में, एक पिता के लिए वो ख़्वाब-ए-चश्म हैं। माॅं के लिए बचपन बयां करती एक प्यारी नज़्म हैं। छोटे से घरोंदे से निकल छूती आसमां को, खुशियों के संसार का बालिका एक स्वर्णिम जश्न है। #मेरी_बै_रा_गी_कलम #yqdidi #afteralongtime #yqhindi #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस
Anita Saini
एक गर्भस्थ बालिका शिशु की व्यथा😶😭 (अनुशीषर्क में...) 👇👇👇👇👇 एक गर्भस्थ बालिका शिशु की व्यथा😢😭 अपने लहू की बूँद-बूँद से संचित किया, फिर क्यूँ, बताओ ना माँ.... क्यूँ मुझे जीवन जीने से वंचित किया...? जानती हूँ कि तेरा ना क़ुसूर रहा होगा,
साहस
नारी के अस्तित्व को जिसने ना पहचाना वो महापुरुष क्या पुरुष भी नहीं। #विशेषप्रतियोगिता आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें
#विशेषप्रतियोगिता आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी. 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें #YourQuoteAndMine #yourquotedidi #Urdu_Hindi #shahjadi #princesslappi #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस #shabd_watika
read moreDee . . . . .चातक
राष्ट्रीय बालिका दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं💐💐 ईश्वर करें . . . .🙏 हर बच्ची जिए. . .मुस्कुराए. . .उड़े . . और कर पाए अभिव्यक्त खुद को🙏 ना डरे.......ना घुटे...... ना करने पड़े हर कदम समझौते उसे 🙏 ना भुगते सजा उन गुनाहों की .......जो उसने कभी किये ही नही🙏 सब कुछ कर समर्पित अपना ....... ना तरसे कभी अपनों के प्यार और परवाह के लिए🙏 जी पाए वो भी अपने लिए . . . .अपनी तरह. . और अपनों के साथ 🙏 खिल सके ..... उड़ सके ... और मुस्कुरा सके ... ईश्वर करें. . . . . 🙏 हर बच्ची जी पाए बचपन... .... जी पाए हर उम्र अपनी... ... न होना पड़े उम्र से पहले उम्रदराज उसे🙏💕🙏 #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस
तुषार "बिहारी"
#Nationalgirlchildday नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में, सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे, पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे, फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी । क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए, इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए । ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है, बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है । ये कैसी सोच लिए फिरते है इनको किसका गुमान है, क्या बेटियां कुछ नहीं सिर्फ बेटे ही अभिमान है । शर्म आती है ऐसे लोगों पर जिनकी ऐसी सोच है, बेटे ही सब कुछ है और बेटियां पैर की मोंच है । बेटियों ने जो किया है वो बेटे नहीं कर पाए, सिर्फ ये झूठी शान है कि बेटे ही सब कर पाए । फिर क्यों इसे अपनाने में इतना झिझका जाता है, फिर क्यों इसे दुलारने में इतना सोचा जाता है । क्या इसे हक नहीं इस दुनिया में आने का, क्यों इसके जन्म पर माँ को दुत्कारा जाता है । बेटा हो या बेटी दोनों ही एक समान, बेटा अगर शान है तो बेटी है स्वाभिमान । ©तुषार "बिहारी" नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में, सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे, पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे, फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी । क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए, इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए । ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है, बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है ।
नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में, सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे, पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे, फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी । क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए, इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए । ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है, बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है । #Trending #poem #कविता #NationalGirlChildDay #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस
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