Find the Best “सीख” Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about हिंदी में शायरी लिखकर भेजिए जो पर के हम सीख सकते ह, गलतियों से सीख शायरी, अपनी औकात में रहना सीख, लोगों के लिए सीख, सीख रहा हूँ मैं भी,
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“5/3/2022”*📚 🖋️*“शनिवार* 🌟 हम “जीवन” में अनेक “मनुष्य” से मिलते है किंतु वहीं “मनुष्य” हमारे “मन” को भाते है जो “विनम्र” होते है जिनकी “वाणी” “मीठी” होती है,जिनके अंदर एक “आत्मविश्वास” का “तेज (रंग)” दिखता है, अब ऐसा “व्यक्ति” हम कैसे बने ? ठीक वैसे ही जैसे एक “फल” “धूप”,“वर्षा”,“शीत”,“वायु” सभी “संकटों का सामना” करके परिपक्व होता है, वैसे ही “मनुष्य” भी “संकटों का सामना” करके “परिपक्व” होता है, इन “संकटों का सामना” करोगे तो “अनुभव” प्राप्त होगा, यही “अनुभव” “सीख” देता है यहीं अनुभव हमें यह “सिखाता” है कि हमें “विनम्र” रहना चाहिए, “अहंकार” में कुछ नहीं रखा, हमें “मीठी वाणी” का “मुल्य” समझ में आता है, यहीं “अनुभव” हमें ये समझाता है कि “उचित” क्या है और “अनुचित” क्या है ? ये हमें “स्पष्टता” दे जाता है और इसी “स्पष्टता” से “आत्मविश्वास” “जाग्रत” होता है, इसलिए “जीवन” के “हर संकट” से “सीख” और “अनुभव” अवश्य प्राप्त करें... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/3/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार* 🌟 #“जीवन” #“मनुष्य”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“3/3/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”*🌟 इस “जीवन” में यदि “सूर्य” “हार” मान ले तो “रात्रि” के पश्चात वो “प्रकाश” दे ही नहीं पाएगा, यदि “नदी” हार मान ले तो वो पुनः “वर्षा” करवाने में “सहायता” कर ही नहीं पाएगी, “प्रकृति” हमें यही सीखाती है “हार”,“पराजय” ये हमारे जीवन में आएंगे ही आएंगे और हमें “सीखाने” के लिए आएंगे हमारे “हित” के लिए आएंगे तो अपना “दृष्टिकोण” भी वैसा ही रखिए तो “सकारात्मक” से इसे देखिए, अपनी “हार” से,अपनी “पराजय” से “सीखें” और “आगे” बढ़े, “विजय” निश्चित रूप से आपकी होगी, और होगी तो “प्रसन्नता” और “आनंद” से भर जाएगा, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“3/3/2022”*🌟 🖋️ *“गुरुवार”*✨🖊️ #“जीवन” #“सूर्य”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“28/2/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 वैसे एक बात तो है कि “रोटी” केवल “भूख” ही नहीं मिटाती है बल्कि “जीवन” की बड़ी से बड़ी “सीख” भी दे जाती है यह रोटी “स्वादिष्ट” तभी लगेगी जब यह दोनों तरफ से अच्छी तरह से “सेकी” हुई होगी हमारे जीवन में “संबंधो” को भी दोनों और से “अच्छे से निभाया” जाए तभी “आनंद” देते,तभी “प्रसन्नता” प्राप्त होती है, इन “संबंधों” में “प्रेम”,“अपनापन”,“एहसास” और “समर्पण” होना आवश्यक है, और जब ये “संबंध” कोई “गलतफहमियों के शिकार” हो जाते है तो इन्हें “संभालना” मुश्किल हो जाता है, हम बेहद “प्रयास” करते है कि सबकुछ पहले जैसा हो जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है, इसलिए “संबंधो” को दोनों और से निभाए लेकिन “प्रेम के साथ”... “गलतफहमियों” से नहीं.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/2/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 #“रोटी” #“भूख”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“22/2/2022”*📚 🖋️*“मंगलवार”* 🌟 कभी कभी “जीवन” में “भूतकाल” में हमसे कोई “भूल” हो जाती है, जिसके कारण हम “स्वयं को क्षमा” नहीं कर पाते है, कई बार ऐसी भी “भुल” होती है जिसके बारे में “सिर्फ” हमें ही “ज्ञात” होता है, पर हम स्वयं “क्षमा” ही नहीं कर पाते और हमारा “विकास” वहीं पर “रूक” जाता है, यदि आप “क्षमा” कर पाना “सीख” ले, “स्वयं” को यदि आप “क्षमा” नहीं कर पाते है तो ये आपके “जीवन” की “सबसे बड़ी बाधा” बन जाती है! “जीवन” में निश्चित रूप से सीखिए कि कैसे “स्वयं को क्षमा” करना है, और सीखिए ये भी की हुई “भुल” कैसे नहीं दोहराना है, और एक महत्वपूर्ण बात ये कि उन “लोगों” के सामने “क्षमा” मांगने से कोई “लाभ” नहीं जो “दिल की भावनाओं” की “कदर” तक नहीं करते है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/2/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“भूतकाल”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“31/12/2021”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 कभी कभी “जीवन” में “भूतकाल” में हमसे कोई “भूल” हो जाती है, जिसके कारण हम “स्वयं को क्षमा” नहीं कर पाते है, कई बार ऐसी भी “भुल” होती है जिसके बारे में “सिर्फ” हमें ही “ज्ञात” होता है, पर हम स्वयं “क्षमा” ही नहीं कर पाते और हमारा “विकास” वहीं पर “रूक” जाता है, यदि आप “क्षमा” कर पाना “सीख” ले, “स्वयं” को यदि आप “क्षमा” नहीं कर पाते है तो ये आपके “जीवन” की “सबसे बड़ी बाधा” बन जाती है! “जीवन” में निश्चित रूप से सीखिए कि कैसे “स्वयं को क्षमा” करना है, और सीखिए ये भी की हुई “भुल” कैसे नहीं दोहराना है, और एक महत्वपूर्ण बात ये कि उन “लोगों” के सामने “क्षमा” मांगने से कोई “लाभ” नहीं जो “दिल की भावनाओं” की “कदर” तक नहीं करते है, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“31/12/2021”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“भूतकाल”*
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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“17/11/2021”*📝 ✨*“बुधवार”*🌟 “जीवन” में सदैव वो नहीं होता हम चाहते है, वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते है, अब हम “दुःखी” हो जाते है,“निराश” हो जाते है, “भाग्य को दोष” देते है या किसी और को या “स्वयं” को, किंतु “सत्य” क्या है ये हमें समझना होगा,ये “संसार” बना है “चट्टानों” से और “पत्थरों” से,तो हर स्थान पर हमें छोटे-छोटे “कंकड़” तो मिलेंगे ही,इससे तो कोई “छुटकारा” नहीं, ठीक इसी प्रकार हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” होंगी ही,इनसे कोई छुटकारा नहीं मिलेगा, एक “समस्या” को टाल दोगे तो दूसरी समस्या आ जाएगी, दूसरी को टाल दोगे तो तीसरी आ जाएगी, किंतु “समस्या” “जीवन” में रहेगी ही,और आपकी सहायता करने के लिए ही रहेगी,किसी न किसी रूप में, अब चारों ओर “कंकड़” है और आप पर निर्भर करता है कि आप क्या करते है ? किस मार्ग पर आगे बढ़ते है और किस प्रकार आगे बढ़ते है ? अब ऐसा तो सदैव “संभव” नहीं कि आपके “चरणों के नीचे” “पुष्पों की चादर” है ये तो “असंभव” है, इसलिए उचित तो यहीं है कि आप “चप्पले” पहन कर आगे बढ़े,इसका सार यही है कि जब भी “जीवन” में “समस्याएं” आए तो उसका “डटकर सामना” किजिए और समझने का प्रयास किजिए कि ये “समस्याएं” जीवन में आई क्यों और क्या “सीखा” कर गई ? आप में सदैव “दोष” आएंगे उन्हें “गुणों में परिवर्तित” किजिए, ये “जीवन” और भी अधिक “सरल” होगा... *✍🏻“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“17/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 *#“जीवन”* *#“भाग्य को दोष”*
Atul Sharma
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 “संसार” के सबसे “कठोर धातु” में से एक है “लोहा”, “लोहे” से हम “अस्त्र-शस्त्र” प्राप्त कर सकते है, “अनेक वस्तुएं” प्राप्त कर सकते है, अब इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए, इस “लोहे” को प्राप्त करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ? “लोहे” का ही...ये बात हम सभी जानते है कि “लोहे” से ही “लोहे को काटा” जाता है, इसके आगे एक बहुत बड़ा “प्रश्न” आ जाता है, जो बहुत बड़ी “सीख” दे जाता है,ऐसा क्यों होता है ? कि हम “लोहे” से ही “प्रहार” कर रहे है “लोहे” पर किन्तु जिस “लोहे से प्रहार” कर रहे है उस “लोहे का आकार” नहीं बदल रहा, जिस पर “प्रहार” कर रहे है उस “लोहे का आकार” बदल रहा है, इसमें “अंतर” क्या है...इसमें अंतर है “तापमान” का,जिस “लोहे” को हमें बढ़ाना है और “काटना” है उस “लोहे को गर्म” किया जाता है और जिस “लोहे” से हमें “प्रहार” करना है उस “लोहे को ठंडा” रखा जाता है, अर्थात “ठंडा” लोहा “गर्म” लोहे को काटता है,अब देखिए हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” भी आती है हमें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि हमें हमारे मन को “शांत” रखना है यदि हम “क्रोध” और “ईष्र्या” की “अग्नि” में जलते रहें,“द्वेष की अग्नि” में जलते है तो हम भी उस “लोहे की भांति” हो जाएंगे जिसका “तापमान” कई अधिक है,तब कोई भी आके हमें “क्षति” पहुंचा सकता है,याद रखिए जिसकी सबसे अधिक “स्थिर बुद्धि” है,जो सबसे “शांत व्यक्ति” है वो सबसे अधिक “बलशाली” है... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 *#“कठोर धातु”* *#“लोहा”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“10/11/2021”*📝 ✨ *“बुधवार”*🌟 *#“कठोर धातु”* *#“लोहा”* #chathpuja #“समस्याएं” #“जीवन” #“शांत #“सीख” #“लोहे #“स्थिर #“बलशाली”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️*“शनिवार”*🌧️ क्या “तितली” को आपने कभी अपने “खोल” से बाहर आते हुए देखा है ? “तितली” क्या करती है ? जब “उड़ना” चाहती है तो वो अपने “खोल” को स्वयं तोड़ना चाहती है,उसके “पंख” निकल आते है और फिर वो “उड़ान” भर लेती है और खुले आसमान में उड़ जाती है यहीं “सीख” है हमारे लिए भी है यदि हम “उड़ान भरना” चाहते है तो हमें स्वयं “भीतर” से अपने “खोल” को तोड़ना होगा, अर्थात स्वयं को “बंधनों से मुक्त” करना होगा,“सुरक्षा” के लिए “बंधनों” में बंध जाना ये सबसे अधिक “असुरक्षित कार्य” है,“जीवन” में “सुरक्षा का भय” उचित है किन्तु यदि “अतिभय” होगा तो ये आपको इतना “दुर्बल” बना देगा कि आप स्वयं अपने ही “सुरक्षा चक्र” को तोड़ नहीं सकेंगे,यदि आपको “नवनिर्माण” करना है तो अपने “सुरक्षाचक्र को तोड़कर” बाहर आना होगा,“साहस” के साथ “परिश्रम” करना होगा,यदि आप ऐसा करते है तो आपकी “उड़ान” को कोई नहीं रोक सकता... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“शनिवार”*🌧️ #“तितली” #“खोल”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“शनिवार”*🌧️ #“तितली” #“खोल” #“सुख” #“सीख” #“परिश्रम” #“पंख” #“उड़ान” #“बंधनों #“नवनिर्माण”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“29/7/2021”*🌫️ 🌧️*“गुरुवार”*🌧️ इस “जीवन” में “हर स्थान” पर ऐसा कुछ है जिससे हम कुछ न कुछ “सीख” सकते है, “विकास” की ओर जो हमें “बढ़ा” सकता है, ये “सीख” हर स्थान पर है, सबकुछ हमारे “दृष्टिकोण” पर “निर्भर” करता है, जब भी हमारे “जीवन” में,हमारे “संबंधों” में कोई “विपदा” आती है,कोई “संकंट” आता है,तो “अधिकतर लोग” उस “स्वभाव” में “दुःखी” हो जाते है, और “कुछ लोग” ऐसे भी होते है जो “अंत” में इसका “निवारण” करते है,“संकट” को “मात” दे देते है, “संबंधों” को “पुनः जोड़” देते है, यदि आप “सुख” ढूंढते है तो आपको “सुख” अवश्य मिलेगा,“प्रसन्नता” भी अवश्य मिलेगी, यदि आप “दुःख” ढूंढते है तो आपको “निराशा” भी अवश्य मिलेगी, अब आप क्या “ढूढ़ना” चाहते है ये “निर्णय” आपका है... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“29/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“गुरुवार”*🌧️ #“जीवन” #“हर स्थान”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“29/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“गुरुवार”*🌧️ #“जीवन” #“हर स्थान” #“दुःख” #“विकास” #“दृष्टिकोण” #“सुख” #“सीख” #“प्रसन्नता” #“निराशा”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“25/7/2021”*🌫️ ☁️ *“रविवार”*☁️ कभी आपने “कुएं” या “होद” इत्यादि में “जल खीचने” के लिए “बाल्टी” डाली है,आप देखेंगे अगर “बाल्टी” जल पर “सीधी” गिरती है तो उस बाल्टी में “जल प्रवेश” नहीं करता है लेकिन जब “बाल्टी” जैसे जैसे “झुकने” लगती है और उसमें “जल प्रवेश” कर जाता है यहां एक महत्वपूर्ण “सीख” है कि संसार के हर एक “व्यक्ति” को “विनम्र” होना चाहिए, आपने देखा होगा कि “घास” “तूफान” में भी खड़ी रहती है क्योंकि वह “झुक” जाती है और “पेड़” तना रहता है इसलिये “धाराशायी” हो जाता है,झुक वही सकता है जो “विनम्र” होगा अर्थात “तूफान” से भी वही “जूझ” सकता है। इसलिए आप “स्वयं को विनम्र” बना दिजिए आपको “बड़ों का साथ” भी प्राप्त होगा और “सफलता का साथ” भी प्राप्त होगा, *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“25/7/2021”*🌫️ ☁️ *“रविवार”*☁️ #“कुएं” #“जल खीचना”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“25/7/2021”*🌫️ ☁️ *“रविवार”*☁️ #“कुएं” #“जल खीचना” #श्रावणमास #“विनम्रता” #“सीख” #“बड़ों #“सफलता #“बाल्टी”
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