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Jitendra Kumar 'Noor'
कुण्डलिया निर्ममता तो देखिए, किया हृदय पाषाण। फिर भी उसके प्रेम में, व्याकुल हैं ये प्राण॥ व्याकुल हैं ये प्राण, ढूँढते फिरते उसको। रत्ती भर भी नहीं, हमारी चिन्ता जिसको। सूख गये हैं अश्रु, रक्त धमनी में जमता। वह निष्ठुर निश्चिन्त, हाय! ऐसी निर्ममता॥ ©Jitendra Kumar 'Noor' #कुण्डलिया
Hariom Shrivastava
#कुण्डलिया छंद# --------------------------------------------- 1- कोरोना का आ गया, फिर से नया प्रकार। रूप बदलकर वायरस, आ जाता हर बार।। आ जाता हर बार, हो गया मुश्किल जीना। जीवन का सुख चैन, दुष्ट कोविद ने छीना।। रहना हमें सतर्क, नहीं धीरज है खोना। होगा शीघ्र निदान, पस्त होगा कोरोना।। 2- जाते-जाते दे गया, ओमिक्रॉन इक्कीस। लेकिन बूस्टर ला रहा,नया साल बाईस।। नया साल बाईस, रहे सबको सुखदाई। सुन लो मन की बात, आप सब बहिनो भाई।। बीते अगला वर्ष, सभी का हँसते-गाते। नया ख़ौफ़ इक्कीस, दे गया जाते-जाते।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #together
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#कुण्डलिया छंद# शीर्षक- "जलेबी" ------------------------------------------------ मिष्ठानों में श्रेष्ठ है, खाने में स्वादिष्ट। होती है यह रसभरी, सुंदर और विशिष्ट।। सुंदर और विशिष्ट, जलेबी कहते इसको। सफल उसी का जन्म,मिले खाने यह जिसको।। पीत वर्ण की गोल, मिले सारे खानों में। दूध-जलेबी श्रेष्ठ, मानते मिष्ठानों में।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #flyhigh
Hariom Shrivastava
💐 #कुण्डलिया छंद# 💐 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••• बाबा नानक शाह जी, सबसे बड़े फकीर। हर हिन्दू के जो गुरू, मुसलमान के पीर।। मुसलमान के पीर, जन्मदिन उनका आया। ये है पर्व प्रकाश, सभी ने इसे मनाया।। रौशन मन्दिर स्वर्ण, यही है काशी काबा। जय जय राम रहीम, और जय नानक बाबा।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #gurpurab
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#कुण्डलिया छंद# ---------------------------------------------- 1- दुर्गा माता आ गयीं, डोली में इस बार। डोली में कैलाश से, माता हुईं सवार।। माता हुईं सवार, आठ दिन भ्रमण करेंगीं। भक्तों के दुख-दर्द, भवानी सभी हरेंगीं।। जो भी करता भक्ति, कृपा माता की पाता। हाथी पर प्रस्थान, करेंगीं दुर्गा माता।। 2- डोली लिए कहार हैं, रोगों का संकेत। दुर्गा माता कह रहीं, अरे मनुज तू चेत।। अरे मनुज तू चेत, अभी कर ले तैयारी। कोरोना की भाँति, न हो फिर मारामारी।। इंजेक्शन वैक्सीन, और ऑक्सीजन गोली। रखना तू तैयार, कहार लिए हैं डोली।।#हरिओम श्रीवास्तव# भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava #navaratri
Hariom Shrivastava
- #कुण्डलिया छंद# - [आज विश्व जनसंख्या दिवस के उपलक्ष्य में] ------------------------------------------------ 1- भारत में होता रहा, जनसंख्या विस्फोट। पर नेताओं को दिखे, इसमें अपने वोट।। इसमें अपने वोट, नियंत्रण नहीं लगाया। भारत पूर्ण विकास, न इस कारण कर पाया।। रुका न यह विस्फोट, बजट भी गए अकारत। जनसंख्या की वृद्धि, रोकती बढ़ता भारत।। 2- भारत का हर नागरिक, जब लेगा संज्ञान। तब जनसंख्या वृद्धि का, होगा शीघ्र निदान।। होगा शीघ्र निदान, करेगा देश तरक्की। सब होंगे खुशहाल, बात यह पूरी पक्की।। भूख गरीबी मुक्त, रहेगा जीवन आरत। विकसित होगा देश, हमारा प्यारा भारत।। #हरिओम श्रीवास्तव# भोपाल,म.प्र. ©Hariom Shrivastava #Corona_Lockdown_Rush
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#कुण्डलिया छंद# ======================= 1- जिसको भी देखो कहे, दुनिया धोखेबाज। खुद के कृत्यों को मगर, करता नज़रंदाज़।। करता नज़रंदाज़, और गर्वित हो जाता। औरों को दे दोष, स्वयं को ही भरमाता।। आईना भी आज, दिखाओगे किस-किसको। दुहरे चाल-चरित्र, जहाँ भी देखो जिसको।। 2- दिखता तो कुछ और है, होता है कुछ और। दुहरे चाल चरित्र का, आया ऐसा दौर।। आया ऐसा दौर, सभी ने ओढ़े चोले। लेकिन किसकी पोल, कौन कैसे क्यों खोले।। आदर्शों की बात, जहाँ जो जैसी लिखता। क्या उस पर खुद आप, अमल वह करते दिखता।। #हरिओम श्रीवास्तव# भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava #Flower
Hariom Shrivastava
#कुण्डलिया छंद# ------------------------------------------------ 1- लिव-इन में रहने लगे, आज अनगिनत लोग। वैवाहिक बंधन बिना, जो करते सुखभोग।। जो करते सुखभोग, नहीं करते पर शादी। कैसी इनकी सोच, और कैसी आजादी।। जिनके निर्णय रोज, बदलते हैं छिन-छिन में। ऐसे अस्थिर चित्त, लोग रहते लिव-इन में।। 2- मजबूरी अब है नहीं, सात जन्म का साथ। जब चाहें तब छोड़ दें, हमजोली का हाथ।। हमजोली का हाथ, छोड़ स्वच्छंद विचरिए। नित उन्मुक्त उड़ान, खूब जीवनभर भरिए।। कर्त्तव्यों से मुक्ति, सभी रिश्तों से दूरी। लिव इन है मॉडर्न, और शादी मजबूरी।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #Health
कवि राहुल पाल 🔵
((( विधा - कुण्डलिया=दोहा+रोला ))) *************** मानवता के नाम पर,है कुछ मानव शेष ! मानव अब दानव हुए,है यह बात विशेष !! है यह बात विशेष,पशु बेबस औ लाचार ! जीव दया कीजिये,अपनाये सद आचार ! जीवन महत्व सतोल,कर्म,धर्म व निष्पक्षता ! जीव-जीव आधार,मानव मूल मानवता !! ************** लेखक- कवि राहुल पाल पूर्णतया मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित ((( विधा के बारे में कैप्शन में पढ़े ))) ©कवि राहुल पाल विधा- कुण्डलिया विवरण - कुंडलिया दोहा और रोला के संयोग से बना छंद है। इस छंद के ६ चरण होते हैं तथा प्रत्येकचरण में २४ मात्राएँ होती है। इसे यूँ भी कह सकते हैं कि कुंडलिया के पहले दो चरण दोहा तथा शेष चार चरण रोला से बने होते है। 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔 अब प्रश्न यह है कि दोहा और रोला क्या है ..? 😲😲 *** दोहा *** दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं
विधा- कुण्डलिया विवरण - कुंडलिया दोहा और रोला के संयोग से बना छंद है। इस छंद के ६ चरण होते हैं तथा प्रत्येकचरण में २४ मात्राएँ होती है। इसे यूँ भी कह सकते हैं कि कुंडलिया के पहले दो चरण दोहा तथा शेष चार चरण रोला से बने होते है। 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔 अब प्रश्न यह है कि दोहा और रोला क्या है ..? 😲😲 *** दोहा *** दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद है। यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं #nojotohindi #sahitya #nojotonews #साहित्य #KRP
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